Hindi Spritual Article:समस्त अस्तित्व मुरली की मधुर तान से अच्छादित है! - Path Me Harshringar : by Abhijit Thakur

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Tuesday 29 January 2019

Hindi Spritual Article:समस्त अस्तित्व मुरली की मधुर तान से अच्छादित है!


मुरली का माधुर्य

समस्त अस्तित्व मुरली की मधुर तान से अच्छादित है, प्रत्येक जीवन संगीतमय है।
मुरली अनादि काल से बज रही है।सांसारिक कोलाहल के बीच एक शाश्वत धुन जो हृदय से सुनी जा सकती है,इसकी धुन जीवन को अल्हादित और संपूर्ण करती है। बहुत धीमी और मीठी है धुन,असीम धैर्य की पूर्ण आहूति पर अनुग्रह स्वरुप शाश्वत स्वंय आ जाता है हृदय में प्रेम संगीत का अविर्भाव करने। दतोपरांत,भक्त स्वंय जीवंत वीणा हो जाता है।यही है मुरली का वास्तविक माधुर्य और प्रभाव।
दुर्भाग्य कह लो या शाश्वत की मर्जी दुनिया के कोलहाल में इस धुन को सुनने वाले बहुत कम हुए, जो हुए वो गोपी कहलाये, कबीर, नानक या दादु कहलाये। इसी मुरली की धुन पर मीरा नाची, इसकी धुन आज भी श्री राधा जी के होने का साक्षात प्रमाण है। अत्यंत दुर्लभ है इसकी पहचान।इंसान अपनी ही आवाज के कोलाहल में इस दुर्लभ धुन को सुनने का अवसर खो देते हैं। यही कारण है इसे सुनने वालों की संख्या अधिक नहीं है।

संगीतमय कुछ फूहारें मध्यम! 
धरा मग्न कुछ कुछ रिमझिम!!

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