Hindi spiritual article- Happy Maha Shiv Ratri: ज्ञानियों की चर्चा में वैमनस्य कैसे आ जाता है! - Path Me Harshringar : by Abhijit Thakur

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Monday 4 March 2019

Hindi spiritual article- Happy Maha Shiv Ratri: ज्ञानियों की चर्चा में वैमनस्य कैसे आ जाता है!


ज्ञानियोँ की चर्चा में वैमनस्य कैसे आ जाता है? 
मंदिर में भगवान शिव को घुमते देखा तो, विचार आया क्यूँ ना ये एक प्रश्न किया जाये? मैं अभी विचार ही कर रहा था कि भगवान शिव पास आये और बोले ''मैं तुम्हारे प्रश्न का उत्तर दे रहा हूँ...कुछ ना बोलना सिर्फ सुनना''...थोड़ा सा जल्दी में भी हूँ!! समय बर्बाद ना हो  इसलिये तुम्हारे आने से पहले ही आ गया।
जिन्हेँ तुम ज्ञानी कह रहे हो क्या वे वास्तव में ज्ञानी हैं?? तुम कैसे जानते हो कि वे ज्ञानी हैं?

(मैं मंत्रमुग्ध सा देखता रह गया...क्या कहूँ समझ ना सका!) 

भगवान शिव बोले- बेटा! मैं समझाता हूँ..! कौन कितना ज्ञानी है या अज्ञानी ये वास्तव में व्यक्ति स्वंय ही जानता है...अन्य कोई नहीं। 

सत्य तो ये है वास्तिवक ज्ञानी को मालूम होता है कि उसे कुछ मालूम ही नहीं है...फिर ऐसे ही व्यक्ति के हृदय मे मैं प्रेम रूप में सदा प्रतिष्ठित रहता हूँ!
जहाँ प्रेम हो...वहाँ फिर मिथ्या प्रलाप नहीं होते, उंच नीच की चारमिनारेँ नहीं होती...वैमनस्य का तो फिर प्रश्न ही नहीं उठता। सिर्फ प्रेम की वीणा  बजती है! उसे तुम भक्ति भी कह सकते हो!
अब स्वंय सोचो ज्ञानी/प्रेमी के अंतर में वैमनस्य कैसे पनपेगा? इतना कहकर शिवजी अंर्तध्यान हो गये।  

महाशिवरात्रि पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।

-अभिजीत ठाकुर

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