Hindi poetry broken heart:तुम पढ़ सको कभी फुर्सत में,कुछेक शब्दों में जिंदगानी छोड़ जाउंगा! - Path Me Harshringar : by Abhijit Thakur

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Thursday 31 January 2019

Hindi poetry broken heart:तुम पढ़ सको कभी फुर्सत में,कुछेक शब्दों में जिंदगानी छोड़ जाउंगा!


दो पल के जीवन की एक अपूर्ण, 
टूटे हृदय की कहानी छोड़ जाऊंगा।


तुम पढ़ सको कभी फुर्सत में, 
कुछेक शब्दों में जिंदगानी छोड़ जाउंगा।।


जिंदा रहा हूँ मर मर के किस तरहदो पल के 
जीवन की एक अपूर्ण, टूटे हृदय की कहानी छोड़ जाऊंगा।


तुम पढ़ सको कभी फुर्सत में, 
कुछेक शब्दों में जिंदगानी छोड़ जाउंगा।।


जिंदा रहा हूँ मर मर के किस तरह, 
पन्नोँ पर आँखोँ का पानी छोड़ जाऊंगा।


तुमने मुझे चाहा छुपकर जमाने से, 
मैं दुनिया में तेरे नाम से अपनी बदनामी छोड़ जाऊंगा।


याद जो आये कभी, आ जाना मय्यत पर छुपकर अँधेरोँ में, 
जलते हृदय से प्रेम नूरानी छोड़ जाऊंगा।


बेहतर है भूल जाना अतीत मेरा, 
आज भी है दुनिया दीवानी तेरी, खुश रहो सदा
मैं अपनी दुआओँ में इतना असर छोड़ जाऊंगा।।


अभिजीत ठाकुर

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