बात अनिर्वचनिय है... - Path Me Harshringar : by Abhijit Thakur

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Wednesday 23 January 2019

बात अनिर्वचनिय है...


बात अनिर्वचनिय है,
कह सकता नहीं,
जितना तुम्हेँ
महसूस करता हूँ,
उतना नि:शब्द,
फिर चुप रह
सकता नहीं!

शाश्वता अद्भुत,
अतुलनिय!
काश! कोई कह
पाता, प्रयत्न हुए
खूब, शास्त्र ग्रंथ
हैं प्रमाण,
किंतु विफल
पंथ!

चिन्मय तुम,
जड़ता मेरी
अति कठोर,
पर सबल तुम!
करो कृपा घनघोर,
मृत हृदय हैँ शत प्रपंच,
सुनो! आर्त मेरी
पुकार, कमलकंत,
हे आदि! हे अनंत!

-अभिजीत ठाकुर

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