Hindi poetry- spiritualism isn't bussiness (warning): धर्म की ठेकेदारी! - Path Me Harshringar : by Abhijit Thakur

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Wednesday 27 February 2019

Hindi poetry- spiritualism isn't bussiness (warning): धर्म की ठेकेदारी!


धर्म की ठेकेदारी
अधर्म की नींव बनी ही
रहेगी क्यों की
तुमने कृष्ण को छोड़
गीता को पकड़ लिया,
फिर समझ लिया उतना
जितना चेतन था मन,
थोथी मनलुभावन व्याख्याएं
समझ स्वयं कृष्ण बन,
औरों को समझाने का धंधा
सदा ही चलता है!
लोग पहुँचते हैं धर्म का झंडा 
देखकर और लुटे पीटे
बन जाते हैं सुर्खियां!
कृष्ण की तलाश गलत दिशा
में जब तक रहेगी,
गीता जीवन में नही उतरेगी!
धंधा धर्म का चलता रहेगा
और तुम बने रहोगे इस धंधे का हिस्सा!
जाने अनजाने इसकी जिम्मेदार
हर व्यक्ति है...खत्म नही होता क़िस्सा!!

अभिजीत ठाकुर

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