Hindi poetry- No hopes: मैं निःशक्त मौन सा समय हूँ! - Path Me Harshringar : by Abhijit Thakur

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Saturday 11 May 2019

Hindi poetry- No hopes: मैं निःशक्त मौन सा समय हूँ!


मैं निःशक्त
मौन सा समय हूँ,
समक्ष हैं अवसाद
के अनगिनत बबंडर!
कितना निराश है
मेरे मन का अम्बर!!
उम्र की सरिता सुख जाए
एकाकी जीवन की मरु राहें,
भस्मीभूत हो जल जाएं,निःशक्त आशाएं!

अभिजीत ठाकुर

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