Hindi Poetry:Before Republic Day:हाँ...! मेरा हिंदुस्तान महान बेचते हैं!! - Path Me Harshringar : by Abhijit Thakur

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Friday, 25 January 2019

Hindi Poetry:Before Republic Day:हाँ...! मेरा हिंदुस्तान महान बेचते हैं!!



यहाँ सब बिकता है
जमीन और जमीर,

गरीब दहेज देने के लिए जमीन बेचता है।
अमीर दहेज लेने के लिए जमीर बेचता है॥

यहाँ सब बिकता है,
शरीर और तकदीर।

बच्चों की भूख के लिए, बेबस माँ शरीर बेचती है।
पैसों के पुजारी लोगों को ठकते हैँ,
लालच में मनचाही तकदीर बेचते हैं।

यहाँ सब बिकता है,
रोटी और भगवान।

कुछ घी में चुपड़ी ताजी रोटी बेचते हैँ।
कुछ रोटी खातिर मिट्टी के भगवान बेचते हैं।

यहाँ सब बिकता है,
रहस्य और राजनेता।

कुर्सी की राजनीति के पीछे,
जाने कितने हैँ रहस्य,
दोगले राजनेता हमारा भारत देश महान बेचते हैँ॥
हाँ...! मेरा हिंदुस्तान महान बेचते हैं।

अभिजीत ठाकुर

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