तेरा जख्म,लहूलुहान कर देगा सीना पढ़ने वाले का! - Path Me Harshringar : by Abhijit Thakur

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Thursday 24 January 2019

तेरा जख्म,लहूलुहान कर देगा सीना पढ़ने वाले का!


मैं अक्सर
लिखने बैठता हूँ,
तो दिमाग में शून्य
पाता हूँ!
वैसे ही लगता है
जैसे ये कोई स्कूल का
इम्तहान हो!
क्या लिखूँ ऐसा
जो सुकून दे,
कहाँ से लाऊँ
वो शब्द जो मेरे
अनकहे, अधपके
विचारोँ को कागज
पर उतार सकें!
फिर लगता है
जैसे मैं हार जाऊँगा!
इम्तहान में फेल
हो जाऊँगा
कागज के पन्ने की
सरसराहट मानो कह
रही है!

तैयार तो होने
दे अपने मन की
किसी टीस को
फिर देखना स्याही
के साथ कैसे पन्ने
पर उतरता है!

तेरा जख्म,
लहूलुहान कर
देगा सीना पढ़ने
वाले का!

इम्तहान में अव्वल
आयेगा ये जिंदगी का,
फलसफा है ये
जरा ठहर यहाँ
हर एक जख्म
सगा है...सदा जख्मी है!!

अभिजीत ठाकुर

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