जनून ए इशक़ कुछ इस क़दर छाया ! - Path Me Harshringar : by Abhijit Thakur

Breaking

Thursday, 24 January 2019

जनून ए इशक़ कुछ इस क़दर छाया !


जनून ए इशक़
कुछ इस क़दर छाया
रहता है।

फिक्र नहीं गैरों की
अब कौन यहाँ पराया
लगता है।

आशिक़ी मिली बतौर
इबादत
सहारा सा देता
हम साया लगता है।

चला ले चाहे काटों पर
या फूलों पर रहे,
एहसास के बस तुने
बुलाया लगता है।

अभिजीत ठाकुर

No comments:

Post a Comment