Hindi poetry- broken within:जिश्म ठंडा होने तो दो इश्क़ कफ़न तो होने दो! - Path Me Harshringar : by Abhijit Thakur

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Saturday, 30 March 2019

Hindi poetry- broken within:जिश्म ठंडा होने तो दो इश्क़ कफ़न तो होने दो!


जिश्म ठंडा होने तो दो 
इश्क़ कफ़न तो होने दो!

रोकर किसे कहोगे अपना
मुझे जरा दूर तो होने दो!

याद करोगे तुम फिर कभी
अभी मुझे दफ़न तो होने दो!

अपने होते जो रोते फिर
मुझे जरा बेगाना तो होने दो!

हसरतें ख़ाक होने में वक़्त लगेगा
मुझे ज़रा इस मिट्टी में तो सोने दो!

अभिजीत ठाकुर

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