जय बाबा नीवकरोरी महाराज जी
दीपक को घी तब चाहिए!जब वो जल रहा होता हैं!बुझने के बाद घी किसी काम का नहीं होता!उसी तरह इंसान की मदद भी समय पर ही कारगर होती हैं इसलिए सदैव ज़रूरतमंद की,समय पर मदद करें!हाथों ने पैरों से पुछा!सभी आप पर ही,मस्तक झुकाते है!हम पर नही!पैरों ने कहा.उसके लिए!जमीन पर रहना पङता है,"हवा में नहीं""
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