स्वप्न संस्मरण - 1
सुबह लगभग चार बजे के बाद 21 अप्रैल 2020 ये स्वप्न शुरू हुआ जिसमें मुझे (दो नए अनजान चहरे जो मैंने अब तक कंही भी नहीं देखे) दिखने शुरू हुए जो साधारण इंसान जैसे ही थे, मुझे आभास हो रहा था कि उनमें पीछे खड़े सज्जन स्वयं भगवान कृष्ण हैं; व दूसरे सज्जन स्वयं श्री हनुमान जी हैं। इसके बाद दूसरे सज्जन ने अर्थात हनुमानजी जी ने अपना स्वरूप बदलकर किसी दूसरे व्यक्ति का स्वरूप धारण किया और कहा "मैं किसी भी रूप में तुम्हारी मदद करता ही हूँ... करूँगा हमेशा"। भगवान कृष्ण स्वप्न में बस अपना आभास मात्र करवाते रहे और मेरी नींद टूट गयी।
-अभिजीत ठाकुर
Bahut acche sapne h.
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